हमें यह बताते हुए आपार हर्ष हो रहा है कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष 2025 में बाबा गणीनाथ जी महाराज का 55 वाँ वार्षिक जयंती आप लोगों के सहयोग, निष्ठा और सहभागिता से प्रेम सौहार्द के माहौल में मनाने जा रहे हैं।
मैं समाज के सभी वर्गों के महानुभावों, माताओं-बहनों, भाइयों, युवाओं और बच्चों को इस शुभ वेला के लिए दिल से हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज हमारा समाज जिस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में उच्चाई को प्राप्त कर रहा है इसके लिए हमारा समाज और बच्चे बच्चियों के प्रति हमें गर्व महसूस होता है।
करके अपना को सच, जीत जहाँ को ले, पर ध्यान रख की, तेरे जीत का श्रेय कौन ?
समाज को साज बना ले, दिल को उदगार कर तू जहाँ रहो, पर कूल गुरू से प्यार कर ?
समाज के तू दर्पन है, उसे तू स्वीकार कर तेरी छवि को जो भी देखें, उसी में तू दिखें !
में प्रत्येक यूवा-यूवतियों को समाज के तरफ से यह कहना चाहता हूँ कि आप जहाँ भी रहो चाहे-देश हो या विदेश वहीं पर आप अपना पहचान अपनी जाति का पहचान, अपने कुल देवता का पहचान बनये और अपने समाज के साथ बढ़कर हाथों से हाथ मिलाकर आगे बढ़े।
क्योंकि आज अधिकांश घरों के बच्चें बच्चियाँ शिक्षा के लिए या नौकरी के लिए अपने घरों का छोड़ बड़े-बड़े शहर चले जाते हैं। जिस कारण समाज से जुड़ पाना मुश्किल होता है। ऐसे में हम यही कहेंगे कि सभी परिजन अपने बच्चों के यह बताने का प्रयास करें कि आपके बच्चे जहाँ भी जिस शहर में भी हो वहाँ केकमिटि में अपना योगदान दे जिससे समाज में अपने जाति के प्रति एक उत्साह जागृत होगा। और समाज को समझ पायेंगे।
समिति के पदाधिकारीयों के द्वारा जमीन के सम्बन्ध में जो प्रयास चल रहा है बहुत जल्द इसमें सफलता मिलेगी और वहाँ पर हमलोग मंदिर, धर्मशाला और विद्यालय की स्थापना करेगें।
आप सभी का सहयोग ही हमें शक्ति प्रदान करती है इसी हौसला से आज हम समाज के लिए कुछ कर पा रहे हैं।
हमारा प्रयास रहा है कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों को समाज से जोड़ सकूँ, और बाबा गणिनाथ जी महाराज के दिशा निर्देष को समाज तक पहुँचा सकूँ।
मअगर हमारे द्वारा किए गए कार्य में किसी प्रकार की त्रुटि हुई होगी।
तो मैं समाज से क्षमा चाहूँगा। मैं अपने कार्यकाल में हमेशा यह प्रयास किया हूँ कि किस प्रकार से समाज को
एक सुत्र में बांध सकूँ और एकता, अखंडता, प्यार प्रेम, स्नेह का अनुराग एक-दूसरों में बाँट सकूँ।
धन्यवादशशि भूषण गुप्ता (महामंत्री) राँची नगर मध्यदेशीय वैश्य विकास समिति, राँची
सम्मानीय स्वजाति बन्धूओं,
हार्दिक हार्दिक बधाई एवं स्वागतहमें यह बताते हुए आपार हर्ष हो रहा है कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष 2025 में बाबा गणीनाथ जी महाराज का 55 वाँ वार्षिक जयंती आप लोगों के सहयोग, निष्ठा और सहभागिता से प्रेम सौहार्द के माहौल में मनाने जा रहे हैं।
मैं समाज के सभी वर्गों के महानुभावों, माताओं-बहनों, भाइयों, युवाओं और बच्चों को इस शुभ वेला के लिए दिल से हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज हमारा समाज जिस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में उच्चाई को प्राप्त कर रहा है इसके लिए हमारा समाज और बच्चे बच्चियों के प्रति हमें गर्व महसूस होता है।
करके अपना को सच, जीत जहाँ को ले, पर ध्यान रख की, तेरे जीत का श्रेय कौन ?
समाज को साज बना ले, दिल को उदगार कर तू जहाँ रहो, पर कूल गुरू से प्यार कर ?
समाज के तू दर्पन है, उसे तू स्वीकार कर तेरी छवि को जो भी देखें, उसी में तू दिखें !
में प्रत्येक यूवा-यूवतियों को समाज के तरफ से यह कहना चाहता हूँ कि आप जहाँ भी रहो चाहे-देश हो या विदेश वहीं पर आप अपना पहचान अपनी जाति का पहचान, अपने कुल देवता का पहचान बनये और अपने समाज के साथ बढ़कर हाथों से हाथ मिलाकर आगे बढ़े।
क्योंकि आज अधिकांश घरों के बच्चें बच्चियाँ शिक्षा के लिए या नौकरी के लिए अपने घरों का छोड़ बड़े-बड़े शहर चले जाते हैं। जिस कारण समाज से जुड़ पाना मुश्किल होता है। ऐसे में हम यही कहेंगे कि सभी परिजन अपने बच्चों के यह बताने का प्रयास करें कि आपके बच्चे जहाँ भी जिस शहर में भी हो वहाँ केकमिटि में अपना योगदान दे जिससे समाज में अपने जाति के प्रति एक उत्साह जागृत होगा। और समाज को समझ पायेंगे।
समिति के पदाधिकारीयों के द्वारा जमीन के सम्बन्ध में जो प्रयास चल रहा है बहुत जल्द इसमें सफलता मिलेगी और वहाँ पर हमलोग मंदिर, धर्मशाला और विद्यालय की स्थापना करेगें।
आप सभी का सहयोग ही हमें शक्ति प्रदान करती है इसी हौसला से आज हम समाज के लिए कुछ कर पा रहे हैं।
हमारा प्रयास रहा है कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों को समाज से जोड़ सकूँ, और बाबा गणिनाथ जी महाराज के दिशा निर्देष को समाज तक पहुँचा सकूँ।
मअगर हमारे द्वारा किए गए कार्य में किसी प्रकार की त्रुटि हुई होगी।
तो मैं समाज से क्षमा चाहूँगा। मैं अपने कार्यकाल में हमेशा यह प्रयास किया हूँ कि किस प्रकार से समाज को
एक सुत्र में बांध सकूँ और एकता, अखंडता, प्यार प्रेम, स्नेह का अनुराग एक-दूसरों में बाँट सकूँ।
धन्यवाद शशि भूषण गुप्ता (महामंत्री) राँची नगर मध्यदेशीय वैश्य विकास समिति, राँची