जय बाबा गणिनाथ गोविंद जी महाराज
वैश्य विकास समिति राँची आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है | हम सब जानते है कि जीवन का सबसे अच्छा मित्र पुस्तक है। किंतु सामाजिक परिवेश में संगठन ही एक ऐसा माध्यम है जो हर व्यक्ति के समाजिक और बौद्धिक विकास के साथ ही साहस, मर्यादा, संबल और संबंधो को मजबूती प्रदान करता है।हम वैश्य वर्ण के है जिनके हिस्से व्यवसाय को प्राथमिकता दी गई है। प्राथः देखने में आता है कि मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों को आरंभ से ली व्यवसाय संभालने का जिद किया जाता है।जिससे बच्चों की पढ़ाई के प्रति ध्यान भटकने लगता है। हमारी आने वाली पीढ़ी को लक्ष्मी से ज्यादा सरस्वती यानी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत हैं। अगर बेटा या बेटी शिक्षित होगें तो वह हर प्रकार के समस्याओं से लड़कर उस पर विजय प्राप्त कर सकेगें और अपनी प्रतिभा के अनुरूप समाज व संगठन को अपना योगदान दें सकेगें।
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जय बाबा गणिनाथ गोविंद जी महाराज